Close

हिमाचल की ऐसी शादी पहले कभी न देखी…

ऑफिस में बैठा बोर हो रहा था होना बनता भी था क्यूंकि में तो खोया हुआ था बस अपने कल से शुरू होने वाले हिमाचल के ट्रिप में। ट्रिप कह लीजिये या शादी का इनविटेश !  जी हाँ आप दोनों ही समझ सकते है क्यूंकि हमारे दोस्त की शादी थी और मेरे इलावा मेरे सभी दोस्त भी बहुत उत्साहित थे ।  हेलो दोस्तों आज में आपको बताने वाला हूँ कि किस तरह हमने दोस्त की शादी का लुफ्त उठाया।  और उसके इलावा हम लोग कहाँ कहाँ घूमने गए। आगे की कहानी पड़ने के लिए तैयार रहिये क्यूंकि आपको इस में भरपूर आनंद आने वाला है।

4 अगस्त 2018 को में घर से काँगड़ा ज़िले के पालमपुर के लिए निकला। मुझे चंडीगढ़ के सेक्टर 43 से काँगड़ा के लिए  सीधा बस मिल गईं।HRTC Bus  हालाँकि मेरा प्लान मेरे तीन दोस्तों के साथ 5 अगस्त का बना था लेकिन में बस का लुफ्त उठाना चाहता था और मैं उन्हें धोखा देकर 4 अगस्त की सुबह ही निकल गया।  जिस पर बाद में  मेरे तीनो दोस्तों ने मुझे सबक भी सिखाया।

खैर हम बात करते है ट्रिप की।  सुबह 8 बजे मैंने बस स्टैंड से बस ली और तीन बजे के करीब में काँगड़ा पहुँच गया।  वहां से पालमपुर 35  किलोमीटर की दुरी में था और मुझे काँगड़ा बस स्टैंड से पालमपुर के लिए लोकल बस भी मिल गई। जिसने एक घंटे के सफर को दो घंटे का बना दिया।  और बस में भीड़ तो आप पूछो ही मत।

लेकिन में अपनी सीट संभाल कर बैठा था लेकिन जैसे ही 5:30 के करीब में पालमपुर बस स्टैंड पहुंचा बारिश ने भी अपनी दस्तक दे ही दी।  बस स्टैंड उतरते ही मेरे कजिन भाई मेरे स्वागत के लिए खड़े थे। जो पालमपुर के डिग्री कॉलेज में पढ़ाई करते थे और वहीं रूम लेकर रह रहे थे और 4 अगस्त की रात को में उन्ही के पास रुक गया था। क्यूंकि शादी 5 अगस्त को थी।

अगली सुबह मेरे दोनों कजिन भाईयों ने सुबह का नास्ता बना दिया था। दिन में एक बजे के करीब मेरे वो तीनो दोस्त भी कार से आ गए जिन्हे में धोखा देकर अकेला बस से निकल आया था। लेकिन धोखा देना कितना हानिकारक हो सकता है वो कोई मुझ से पूछें।

अभी शादी में  जाने से पहले हम थोड़ा पालमपुर घूमना चाहते थे तो मेरे एक कजिन भाई ने हमे घूमना शुरू कर दिया। सबसे पहले हमे सौरव वन विहार की तरफ चले गए। बारिश के मौसम में वहां जाकर ऐसा लग रहा था जैसे हम किसी जन्नत में आ गए है नहर के बीच में बड़े से पत्थर के ऊपर बैठ गए तो टाइम का पता ही नहीं चला।sourav van vihar  घूमने वाले हम सिर्फ इकलौते नहीं थे वहां और भी लोग थे जो बाहरी राज्यों से आये थे। कुछ टाइम बाद हम ऊपर पार्क की तरफ चले गए जहाँ अंदर प्रवेश करने की 20 रुपए के करीब फीस भी थी।

हालाँकि जब अंदर गए तो वहां एक छोटी झील थी जिस में लोग बोटिंग का लुफ्त उठा रहे थे। लेकिन वहां घूमते घूमते 5 कब बज गए पता ही नहीं चला। 5 बजे के करीब हम वहां  से चल दिए। लेकिन हम लोगों ने सुबह के बाद खाना नहीं खाया था इसलिए पालमपुर पहुंचते ही हमने एक रेस्टुरेंट में खाना खाया। और उसके बाद में और मेरे तीनो दोस्त शादी के लिए निकल गए।

शादी पालमपुर बस स्टैंड से सिर्फ 10 किलोमीटर की दुरी में थी।जैसे ही हम अपने दोस्त के घर पहुंचे। वहां सभी लोग शादी में व्यस्त नज़र आ रहे थे। सभी ने हम लोगों का स्वागत भी किया। जिसकी शादी थी वो हमें देख कर बहुत खुश भी हुआ। फिर उन्होंने हमे एक रूम रहने के लिए दे दिया जहाँ पूरी घर वाली व्यवस्था थी।  थोड़ी देर रेस्ट करने के बाद जब हम रूम से बहार आये तब शादी की रस्मे तैयार थी और  खाने के पकवान भी तैयार हो रहे थे जिसकी खुशबु ने हमे मोहित ही कर दिया ।

लेकिन अभी खाना परोसने में टाइम था और रस्मे बाकी। शादी के पहले दिन को मैंणे बोलते है जिसमे कई तरह की रस्मे की जाती है उसके बाद हम लोगों का DJ  में डांस। मैंने सोचा था कि मैं शादी में डांस नहीं करूंगा क्यूंकि दूर गए शादी में क्या नाचना। लेकिन जब DJ चल रहा हो और आपके सभी दोस्त नाच रहे हो तो आप कभी भी अपने आप को नहीं रोक पाओगे।

बस फिर क्या था आपका भाई एक बार शुरू हुआ तो रुकने का नाम ही नहीं लिया। फिर हमने रात को खाना खाया। जो पूरा कांगड़ी स्टाइल में था जो में आपको आगे बताऊंगा। उसके बाद हम सभी सो गए। इतनी थकावट हो रखी थी की पता ही नहीं चला की कब सुबह हो गई।

अगले दिन हम जब उठे तो सभी काम में व्यस्त थे क्यूंकि वो सुबह नहीं थी वो दिन था क्यूंकि उस टाइम 12 बज चुके थे।  तो हम उन लोगों को परेशान नहीं करना चाहते थे। और बारात शाम को जानी थी।  इसलिए हम लोगो ने कार उठाई और और हम पालमपुर मार्किट की तरफ घूमने चल दिए।way of palampur मैं आपको बताना भूल गया रात को हमारे और भी दोस्त आ गए थे। हम सभी पूरा दिन पालमपुर मार्किट की और चले गए 3 4 घंटे कैसे निकल गए पता ही नहीं चला। अब बारात जाने का समय था।  इसलिए हम लोग वापस चले आये।

बस फिर क्या था वहां देखा तो सभी लोग बरात में जाने के लिए तैयार थे सभी लोगो ने अपने सर पे पगड़ी लगाई थी और कुछ ने हिमाचली टोपी भी और दूल्हा दोस्त भी तैयार  था  दूल्हे  दोस्त ने अपनी ट्रेडिशनल  शादी की पौशाक पहनी थी जो उसे बिलकुल सूट कर रही थी।

उसके तुरंत बाद  सबसे पहले तो हमने वहां खाना खाया।  जो पूरा हिमाचली  स्टाइल में था । खाने में चावल, राजमाह, चने, पनीर, कड़ी , पूड़ी, न्यूट्री की सब्ज़ी, मीठे चावल थे जो एक पत्ते की प्लेट में दिए खाना सच में बहुत स्वादिस्ट था himachali traditional foodउसके बाद हम लोग जल्दी जल्दी नाहा कर तैयार  हो गए। और बारात के साथ चल दिए दोस्त की बारात में।

पालमपुर से 50 किलोमीटर की दुरी पर शाहपुर में बारात एक घंटे में पहुँच गई।जैसे ही हम शाहपुर एक कम्युनिटी सेंटर पहुंचे तो वहां बारात का ज़ोरदार स्वागत हुआ। 7 बजे के करीब जैसे ही हमने अंदर प्रवेश किया तो मानो लगा जैसे हम चंडीगढ़ की किसी शादी का लुफ्त उठा रहे है क्यूंकि सच में ही वहां का इंतज़ाम काबिलेतारीफ था फिर मैंने और मेरे एक दोस्त ने न इधर देखा न ही उधर और टूट बड़े सीधा स्नैक्स में।

हममे कुछ दोस्त ऐसे भी है जो नाचने के बहुत शौकीन है इसलिए वो सिर्फ डांस फ्लोर पर दिखाई दे रहे थे। वो बाद अलग है कि में भी थोड़ी देर बाद वहीं था। बस हम लोगो का यही चल रहा था डांस स्नैक्स, डांस स्नैक्स। लेकिन हम लोगों को कोई परवाह नहीं थी क्यूंकि हमारे दोस्त की शादी थी।

कुछ टाइम बाद हमार दोस्त स्टेज पर आ गया। साथ ही हमारे दोस्त ही होने वाली धर्म पत्नी यानी हमारी भाभी भी स्टेज पर आ गई। दोनों के वर माला के बाद  फोटो सेशन के लिए हम लोग तैयार थे। सभी का फोटो सेशन हुआ।

लेकिन हम वेट कर रहे थे कि कब कोई  हम लोगो को फोटो सेशन के लिए बुलाये। जैसे ही हम सभी लोगों को बुलाया हम मानो ऐसे दौड़ते हुए गए जैसे किसी जेल से भाग रहे है। कुछ देर हम अपने दोस्त और भाभी के साथ फोटो खिंचवाते रहे। लेकिन हम लोगों को भूख भी बहुत लग रही थी।

फोटो खिंचवाने के बाद हम लोग सीधा फ़ूड हॉल में चले गए जहाँ हम लोगों ने खाना खाया। जहाँ खाने में वो सब था जो एक चंडीगढ़ या दिल्ली की शादी में होता है। अब हम थक चुके थे इसलिए हम सब ने वापस पालमपुर लौटने का फैसला किया क्यूंकि बारात सुबह वापिस आनी थी। इसलिए हम कुछ बारात के लोगों के साथ अपनी अपनी कारों में वापिस आ गए। और अपने रूम में आकर पसर गए। लेकिन हमने अगली सुबह होने वाले कुछ रीती रिवाज ज़रूर मिस कर दिए।

अगली सुबह जब मेरी आँख खुली तो बैंड बाजे की आवाज आ रही थी जिसका मतलब यही था की बारात वापिस आ गई है मैंने अपने फ़ोन में टाइम देखा तो उसमे 11 बज चुके थे मैंने सबको उठाया और हम लोग बारात देखने रूम से बहार आ गए। उसी दौरान हमारा दोस्त और उनकी होने वाली पत्नी गेट में खड़ी थे और हमारे दोस्त की कुछ बहने, भाभियाँ और उनके मम्मी भी उन दोनों का स्वागत करने के लिए खड़े थे। उसके बाद दोनों का बहुत ज़ोरदार स्वागत किया गया।

बैंड बाजों में सभी लोग नाच रहे थे मन तो हम लोगों का भी कर रहा था लेकिन हमारे चेहरे के सोने की वजह से 12 बजे हुए थे। और उसके बाद घर के सभी लोग अगले प्रोग्राम के लिए जुट गए जिसका नाम है धाम

देखा गया है कि धाम वाले दिन बहुत से लोग शादी में उपस्थित होते है वहां भी कुछ ऐसा ही हो रहा था। लोगों की काफी भीड़ हो गई थी हम भी जल्दी जल्दी तैयार  होकर धाम का लुफ्त उठाना चाहते थे बस हमने वही किया।

उसके बाद शुरू हो गए रीती रिवाज़। दुल्हन दूल्हे को सभी आशीर्वाद देने आ रहे थे साथ ही कपड़ो का लेन देन भी चलता रहा। उसी दौरान हमने भी दूल्हे को उपहार दिए। फिर उसके बाद शुरू हो गया लंच जो  पूरा ट्रेडिशनल स्टाइल में हुआ नीचे बैठ कर सभी लोग एक साथ खाना खाते है खाने में वही दाल चावल सब्ज़ी मीठे चावल के इलावा और भी बहुत कुछ था जो बहुत स्वादिस्ट था।dhaam food अब दिन के दो बज गए थे लगभग शादी सम्पन्न हो चुकी थी। इसलिए हम कुछ दोस्तों ने वापिस लौटने का फैसला लिया। और कुछ दोस्तों ने वहां एक दिन रुकने का। मेरा अगले दिन ऑफिस था इसलिए मुझे भी घर लौटना था।उसके तुरंत बाद हम अपने दूल्हे दोस्त से मिलकर वापिस कार से घर लौट गए।

कुछ भी हो हमने कुछ रीती रिवाज मिस किये। लेकिन शादी के साथ हमने घूमने का भी भरपूर आनंद लिया। बरसात का मौसम था फिर भी पालमपुर घूमने का पूरा आनंद लिया। मैं आपको एक सलाह ज़रूर दूंगा एक बार आप हिमचाल की शादी में ज़रूर शामिल होइये और धाम तो अवश्य देख कर ही जाए क्यूंकि अगर आपने धाम नहीं देखी तो शादी में कुछ नहीं देखा। हो सके तो अगले आर्टिकल में आपको धाम के बारे विस्तार से बताऊंगा।

ये अनुभव अरुण भट्ट द्वारा साझा की गयी है

svg1 min read

Leave a reply

Find us on Facebook
About Us

Feel The Himachal as the name suggests dedicated to Himachal Pradesh. Himachal Pradesh is one of the most beautiful places not just in India but in the World. No doubt there are many beautiful places around the world but it is also an undeniable fact that Himachal alone has endless places that you would love to explore.

Follow Us